हमारा शरीर स्वस्थ और निरोग रहे, इसके लिए हमें हमारी दिनचर्या में कुछ नियमों का नियमपूर्वक पालन करना आवश्यक है। ज्यादातर रोग लापरवाह दिनचर्या और असावधानी के कारण होते हैं।
आयुर्वेद में दिनचर्या के ऐसे नियम हैं जिनके अनुसार चलने पर हम सिर्फ स्वस्थ ही नहीं, सदैव निरोग रह सकते हैं। जानिए .....
• सूर्योदय से पहले उठकर शौचादि से निवृत्त होकर प्रात: भ्रमण पर जाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
• प्रतिदिन कम से कम पांच किलोमीटर तक अवश्य टहलना चाहिए। इससे ज्यादा चल सकें तो और भी अच्छा रहेगा।
• रोज प्रात:काल उठकर पहले ३-४ गिलास पानी पीकर कर शौच क्रिया करें। पानी तांबे के लोटे या जग में रात भर रखें तो सोने पे सुहागा होगा। यह कई बीमारियों का रामबाण इलाज है।
• बेड-टी न लें। यह पाचक द्रव्यों पर विपरीत प्रभाव डालती है।
• सुबह से लेकर रात को सोते समय एक दिन भर में पांच लिटर पानी पी जाया करें एक बार में एक गिलास से अधिक पानी न पिएं।
• खाने में दाल, सब्जी और सलाद अधिकता में लें।
• खाने में एक साथ अधिक तथा विपरीत गुणों वाले खाद्य पदार्थ शामिल न करें
• खाना खाते समय टी. वी. न देखें और न ही पढें। इससे पाचनतंत्र पर दुष्प्रभाव प$डता है।
• ताजा, गर्म और सुपाच्य खाना आदर्श होता है।
• खाने के साथ फल न खाएं। या तो उन्हें खाने के बदले खाएं या फिर खाने से दो घंटे पहले या बाद।
• खाते समय एक-दो घूंट से ज्यादा पानी न पिएं। खाने के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद पानी पीना अच्छा रहता है।
• जीभ, वाणी, नेत्र, कान और जननेन्द्रियों, इनको संयमपूर्वक उपयोग में लेना चाहिए।
• इन नियमों का पालन करने वाला हमेशा स्वस्थ, निरोग और बलवान बना रहेगा।
धन्यवाद ।